बाड़मेर संवाददाता @ हनुमान सिंह राजपुरोहित
(गिडा क्षेत्र में कई दिनों से लाईट बंध )बाड़मेर जिले के गिड़ा क्षेत्र में बहुत से इलाको में तूफान में लाईट के पोल गिरने सप्ताह भर से लाइट नहीं आ रही है लाईट कारण लोगो के घरों में खाने के आटे के भी लाले पड़ रहे है तक नही एक दूसरे से 1 – 2 कीलों मांग कर चला रहे है अपना काम डिस्कॉम FRT कर्मचारी हड़ताल पर उनकी सैलेरी नही देने के कारण । राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो जिलाध्यक्ष हनुमानराम साई ब्लॉक अध्यक्ष मनोज कुमार, जिला लिगल एडवाइजर एडवोकेट घमडाराम और उनकी टीम द्धारा किया गया कई इलाको एवं बिजालीघर का निरीक्षण किया गया। तो बिजलीघर में सभी फिडरो का जम्मपर खोल रखा था और बिजलीघर में लाईट चालू थी कूलर पंखे चल रहे थे बाहर की लाईट दिन में ही चल रही थी बिजली बिलों की थापिया लगी हुई थी बिल बाते नही जाते ।गिड़ा में 5 दिन से,संतरा,ऊतरणी में 7 दिन से , सवाऊ पदमसिंह से हीरे की ढाणी फिडर में 5 दिन से, सवाऊ पदमसिंह, पुनिया का तला जाजवा,गिडा फिडर पर 5 दिन से, सवाऊ पदमसिंह शहर
पुनिया का तला फिडर पर कई दिन से लाईट बंध है आदि इलाको में सप्ताह भर से लाईट बंध है गिडा AEN एण्ड JEN और XEN सोनाराम पटेल का आ रहा फोन बंध। ग्रामीण इलाको में इनको पूछने वाला कोई नहीं है। कुश दिनो से लगातार तूफान की वजह से जगह जगह लाईट के पोल गिर गए है जिसके कारण क्षेत्र के बहुत से इलाको में लाईट बन्ध है। आम जनता को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जब राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो टीम ने बिजली कर्मचारियो से लाइट बंध के बारे में पूसा तो उन्होंने बताया की लिए लाइट सही करने का एफआरटी का चंद्रा एण्ड कम्पनी के ठेका हो रखा है। हमे फोल्ड निकालने का मना कर रखा है अगर कोई एक्सीडेंट हो गया तो कोन जवाबदार होगा । लेकिन सच तो यह है की डिस्कॉम अधिकारियों FRT के ठेकेदार की मिली भक्त से पूरे क्षेत्र में 3 -4 आदमी ही लगा रखे है । वही टाईम से सैलेरी नही देने की वजह से हड़ताल पर है।
और डिस्कॉम कायदे से 12 – 15 आदमी होने चाहिए वोह भी अलग अलग चिफ्टो में पर लगाए नही जा रहे है। पेमेंट तो पूरा उठा रहे है लेकिन उसमे भी जब FRT कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने बताया की कई महीनो से हमे FRT ठेकेदार ने सैलेरी नही दी । सवाऊ पदमसिंह बिजली कर्मचारीओमप्रकाश पूछा गया लाईट बंध क्यों है तो कहा की अधिकारियों मना कर रखा है हम चालू क्यों करे ,जब कोई ग्रामीण आता है और पूछता है कोई सही जबाप नही देते है , बोलते है अधिकारियों से पूछो अधिकारी फोन नही उठाते है।आम जनता की कोन सुने किसको बताए पिछले हफ्ते हि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार बाड़मेर मे डेरा डाले हुए थे लेकिन जनता गरीब लोग आज इस भीषण गर्मी में बैठे हैं पीने का पानी नही है खाने के लिए आटा चक्की पीसने क्या करे आटा चक्की बिना लाइट केसे चलाए ओर जनता भूखे पेट रहने को मजबूर हैं लेकिन गहलोत सरकार का जादू कुछ काम नही आ रहा है लगता हैं जादू खत्म हो गया है और गहलोत जी अपने हिसाब से राहत कैंप कि वाह वाही मैं मस्त हैं