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Saturday, June 14, 2025

असल 26 जनवरी दो साल बाद 2024 में मनेगी,

राजस्थान में.

अभिनव राजस्थान में.

उस दिन राजस्थान के सभी गाँवों में ग्राम सभा में और शहरों की वार्ड सभा में राजस्थान के अधिकारी सार्वजनिक घोषणा करेंगे कि अब राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में हर नागरिक की इज्जत होगी और उनका काम तेजी से किया जाएगा. वही तो लोक का तंत्र होगा. (आपको मालूम हो कि हर 26 जनवरी को ग्राम सभा का आयोजन संविधान में लिखा है….लेकिन आज कहीं दिखाई नहीं दी न ?). सभी दफ्तरों पर बोर्ड लग जायेंगे – ‘यह आपका अपना कार्यालय है और हम यहाँ आपके सहयोग के लिए हैं.’

फिर 15 अगस्त 2024 को ग्राम सभाओं और वार्ड सभाओं में घोषणा होगी कि अब अधिकारी कर्मचारी आपसे किसी काम का कोई पैसा नहीं लेंगे ! यह घोषणा बाद में क्यों ? क्योंकि छः महीने लगेंगे प्रशिक्षण में और मानसिकता को बदलने में. अधिकारियों और उनके परिजनों को मानसिक रूप से इस ‘आदत’ से मुक्त करना होगा और समाज को भी सीखना होगा, कि केवल पैसे और फालतू खर्चों, दिखावों की वैल्यू न करे… कला, ज्ञान, सादगी और बचत का सम्मान करना सीखे. यह बच्चों वाली बात है कि रिश्वत खाने वालों को ACB पकड़े तो यह प्रवृति रुकेगी. जड़ तक जाना होगा. सब अधिकारी हमारे समाज के ही प्रतिभाशाली लोग हैं, भटक गए हैं और समाज ने ही उन्हें भटका रखा है. जैसे आदमी को शराब पिलाओ और कहो कि बेलेंस से भी चलाना ! कैसे होगा यह ?

प्यारे दोस्तों, 26 जनवरी 1950 को केवल यही बात नहीं थी कि भारत में जनता के चुने हुए प्रेसिडेंट होंगे (रिपब्लिक), बल्कि यह भी तय हुआ था कि उस दिन से यहाँ जनता का शासन होगा. जबकि यह मात्र राजनेताओं और अफसरों के शासन में तब्दील हो गया है, जनता तो बेचारी पहले वाली हालत में ही है. लेकिन दोष राजनेताओं या अफसरों का नहीं है. वे भी इसी समाज के अंश हैं. जनता की सही ट्रेनिंग नहीं होने के कारण उनको लगता है कि वे नए तंत्र में ‘शासक’ हैं.

लेकिन इस दृश्य को बदलना तो होगा अगर हम लोकतंत्र लोकतंत्र के गीत गा रहे हैं. मैं मानता हूँ कि आज भी अधिकतर जनता तंत्र से डरी, सहमी है और गुलामी में रस लेती है. तथाकथित लोकतंत्र के 75 साल बाद भी उसे मेरी बातें सपने जैसी लगेंगी. पर सपने तो देखने दिखाने होंगे. साल 1947 से पहले मेरे जैसे कुछ पागलों ने जब अंग्रेज को यहाँ से हटाने की बात कही तो वह सपना ही लगता था न. सपने देखेंगे तो ही कुछ नया होगा. वर्ना यह सड़ा हुआ तंत्र हमारी आत्मा को कुचल कर रख देगा. गांधी-सुभाष-भगत की आत्मा तब रोना बंद कर देगी, अभी तो शायद उम्मीद में हैं.

आओ, मेरे साथ चलो, प्रेम से, सजगता से, संयम से……आप सबको असली लोकतंत्र की ओर लिए चलता हूँ, असली विकास दिखाता हूँ. शुरुआत हम मिशन 2022 के नाम से कर चुके हैं.

बाकी जिनको राजनीति, राजनेता, उनके तमाशों, झांसों, इसकी सरकार उसकी सरकार में रुचि है, उनको वो मुबारक. हम तो जनता की अपनी सरकार बनाने के मूड में हैं.

अभिनव अशोक,

अभिनव राजस्थान पार्टी

असली लोकतंत्र और लोकनीति को समर्पित

राजस्थान में.

अभिनव राजस्थान में.

उस दिन राजस्थान के अभी गाँवों में ग्राम सभा में और शहरों की वार्ड सभा में राजस्थान के अधिकारी सार्वजनिक घोषणा करेंगे कि अब राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में हर नागरिक की इज्जत होगी और उनका काम तेजी से किया जाएगा. 15 अगस्त को फिर ग्राम सभाओं और वार्ड सभाओं

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