दुनिया को राजनीति अब बर्बादी के कगार पर पहुंचा चुकी है. अक्षम नेता, हावी पूंजीपति, बढ़ता शोषण, गरीबी, बेरोजगारी और बंटता समाज ….कमजोर लोकतंत्र….ये सात बातें अभी की दुनिया में हैं….आतंरिक युद्द, दंगे, खुले युद्ध, संयुक्त राष्ट्र संघ की अवहेलना….हर तरफ है….पूर्व के जापान से लेकर दूर पश्चिम में अमेरिका तक. जनता में भारी गुस्सा है सिस्टम के लिए….. ऐसे में दिल बहलाने के लिए भगवान ने सोशल मीडिया भेज दिया है ! गुस्सा फिलहाल शांत ! लेकिन भीतर लावा उबल रहा है राजनेताओं !
नरेन्द्र मोदी और भाजपा के सामने अभी भी राहुल गाँधी और कांग्रेस कहीं नहीं हैं. दूसरा कोई नेता अभी राष्ट्रीय स्तर पर मानस में छाया नहीं है. अरविन्द केजरीवाल को अब गाँवों तक में जानने और पसंद करने लगे हैं पर उनकी संगठन की पहुँच बहुत सीमित है…चुनाव में सफलता में संगठन मुख्य होता है,
3, अदाणी वाली बात बच्चों जैसी है ! सभी पूंजीपति ऐसे ही काम करते हैं, कोई कम, कोई ज्यादा. सब नेताओं को पालते हैं, हवाई जहाज- हेलिकोप्टर में कोई नेता घूमे तो समझो, इस कठपुतली की डोर किसी ओर के हाथ में है. कितना महंगा होता है यह सब…..मजेदार बात मोदीजी ने कल संसद में कही….’मुफ्त’ में हर महीने पांच किलो राशन पाने वाले करोड़ों लोग इस ‘झूठ’ पर भरोसा करेंगे ? छः हजार साल में पाने वाले किसान भरोसा करेंगे ? (रेवड़ी, भीख या दान हुजूर ?) नेहरु-गांधी-मोदी में एक बात समान है….ये सब गरीबों के लिए जीते हैं ! और गरीब ये बात मानते भी हैं…..भरोसा !
- राजस्थान में यू पी, एम पी वाले राजनैतिक पर्यटकों के दिन खराब चल रहे हैं. अशोक गहलोत और सतीश पूनिया ने मजबूती से इनको किनारे कर रखा है. इनकी पार्टियों ने भी इनको अभी ज्यादा भाव नहीं दिए हैं. जाति, वफादारों की छोटी सी फ़ौज या तथाकथित लोकप्रियता भी काम नहीं आ रही है. दिल्ली के मीडिया का सहारा भी बेकार जा रहा है.
हालांकि आम पब्लिक दोनों दलों और राजनेताओं से पूरी तरह निराश है पर मजबूत विकल्प दिखाई नहीं देने से अभी कोई स्टैंड नहीं ले रही है…चुप है. ऐसे ही लोग टल्ले मार रहे हैं. जातिवादी कम्बीनेशन के प्रयास राजस्थान में पहले भी खूब हुए पर दो चार दस सीट से आगे नहीं बढे. उधर भाजपा चार साल से अपनी बारी के इन्तजार में ‘बैठी’ है !
सोशल मीडिया के युग में कुछ भी हो सकता है लेकिन संगठन, किसी भी जीत या सम्मानजनक दूसरे स्थान की कुंजी होगा. उसके बिना कोई संभावना नहीं. - मैं राजस्थान के लगभग पांच हजार ऐसे लोगों को जानता हूँ, जो काफी सक्षम हैं, गाड़ियों वाले हैं, काफी रूपयों वाले हैं और जिनके पास मेरे फोन नम्बर सेव किये हुए हैं ! लेकिन वे मुझसे सम्मानजनक दूरी बनाये हुए हैं. उनको लगता है कि अभी मेरी और पार्टी की संभावनाएं बहुत कम हैं. वे यह जरूर मानते हैं कि जो बात और योजना अभिनव राजस्थान पार्टी के पास है, वह किसी और के पास नहीं है…..पर, किन्तु, लेकिन, but….अभी हम ज्यादा दिखाई नहीं दे रहे हैं और हमारे साथ लोग कम हैं, भीड़ नहीं है.
अगर वे मेरे साथ आयें तो मैं किसी भी सुबह सबसे आगे दिखाई दे जाऊँगा….लेकिन वे तब आना चाहेंगे जब सब आ जाएँ ! जैसे कोई मजदूर किस्म का आदमी पैसे वाला होने पर या किस पद पर पहुँचने पर सब रिश्ते निकाल लेते हैं ! पुरानी रीत है यह, राजस्थान का स्वभाव है.
उनको डर है कि अभी मेरे जैसे लोगों के साथ खड़े होने में बदनामी हो सकती है. जैसे वे अभी मोदी-गाँधी, गहलोत-वंसुधरा के साथ नाश्ता करते हों ! ……ये सभी एक टिकिट के चक्कर में या यूँ ही धक्के खा रहे हैं….जबकि उधर मैच फिक्स है, यह मुझे पता है……इसलिए मैं उनको देखकर हंस देता हूँ, उनसे कोई शिकायत नहीं, कोई गुस्सा नहीं….
पर वे इतना जान लें कि मैं भी भारत की सबसे बड़ी परीक्षा पास किया हुआ हूँ, पंद्रह साल जनता के साथ जमीन पर जिया हूँ…..साधारण लोगों के दम पर कभी भी लहर बनाकर किनारे आ जाऊंगा, प्यार और समर्थन की सुनामी के साथ….राजनीति को ध्वस्त करने…..तय है. हमारी पार्टी चार सालों में सौ लोगों से पांच हजार सक्रिय साथियों तक एक महीने पहले पहुँच गई है….जून तक दस हजार हो जायेंगे हम और फिर हर गाड़ी हमसे पीछे होगी…..योजना परफेक्ट चल रही है…..बस, हम ‘बेचारे’ बनकर चल रहे हैं ! बेचारे हैं भी !
और यह भी तय है कि मैं समाज को बांटकर, मूर्ख बनाकर, झांसे देकर सफल नहीं होऊंगा….सभ्य तरीके से, जिम्मेदारी से, सबको जगाकर, साथ लेकर स्थाई समाधान के मूड में आगे बढूँगा…..इसी साल….मेरी डिक्शनरी में धीरे धीरे जैसा कुछ नहीं है….परीक्षा सामने है और मेरी तैयारी पूरी है.
शुभकामनाएँ राजस्थान….हिन्दुस्तान….दुनिया
चिंता मत करो…..उम्मीद का चिराग लिए आ रहा हूँ. मेरी प्लानिंग पूरी दुनिया के लिए हैं.
जिनको अभी साथ आने में हिचक है…वे मेरा खुद का रचा यह शेर पढ़ लें,,,,दिल और आत्मा हिले तो साथ आ लें….सबका फायदा है.
तू हार जीत न देख, काफिले का इंतजाम न देख,
मेरी नजर को, इरादे को देख, मेरे हौसले को देख.
अभिनव अशोक,
अभिनव राजस्थान पार्टी।।