प्रिय मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी (CEO),
जिला परिषद् ………..
विषय – वार्ड सभाओं के नियमित आयोजन और वार्ड पंच के सम्मान, जिम्मेदारी और अधिकार के बारे में.
मान्यवर,
आपको पता है कि नए पंचायत राज अधिनियम की सबसे बड़ी विशेषता ही ग्राम सभा और वार्ड सभा का आयोजन करना था. ऐसा करके गाँव की जनता को सत्ता में भागीदारी देना था. लेकिन 1993 से आज तक लगभग तीस वर्ष बीत जाने के बावजूद गाँवों में वार्ड सभाओं का आयोजन न तो नियम से और न ही नियमित हो रहा है. अधिकतर ग्रामवासी और वार्ड पंच तो इनके आयोजन और इनके महत्व के बारे में जानते तक नहीं हैं. स्वयं वार्ड पंचों को यह लगता है कि नई पंचायत व्यवस्था में उनकी कोई भूमिका नहीं है, जबकि सबसे बड़ी भूमिका ही उनकी है.
नए अधिनियम में यह स्पष्ट लिखा है कि वार्ड पंच की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली वार्ड सभा में ही विकास और कल्याण के प्रस्ताव सबसे पहले लिए जायेंगे. वार्ड में क्या विकास करवाना है, किनको सहायता की जरूरत है, इसे वार्ड के लोगों से ज्यादा कौन जानता है ? अधिनियम बनाने वालों ने बहुत सोच समझकर यह व्यवस्था की थी. वार्ड सभा को एक तरह से संसद और विधानसभा की तरह जिम्मेदारी और अधिकार दिया गया था.
लेकिन वार्ड सभा और वार्ड पंच की यह उपेक्षा महात्मा गांधी के सपनों का खुलेआम कुचला जाना है, जिनके लिए भारत की संसद ने महत्वपूर्ण विशेष संशोधन किया था. महात्मा गांधी, भारत में सत्ता गाँव के नागरिक के हाथ में चाहते थे, ताकि गाँव आत्मनिर्भर हों और वे विकास में शहरों से पीछे न रहें. उनके अनुसार यही तरीका भारत को एक विकसित और लोकतांत्रिक देश के रूप में स्थापित करेगा.
इन वार्ड पंचों और वार्ड सभाओं की उपेक्षा के कारण वार्ड में विकास के काम भी वार्ड के लोगों की भावना के अनुसार नहीं हो रहे हैं. उनकी जरूरत कुछ और है, जबकि वहां काम कुछ और ही हो रहा है. काम की क्वालिटी पर भी नियंत्रण नहीं रहता है और कम समय में टूट फूट शुरू हो जाती है.
इसलिए बड़े अचम्भे वाली बात लगती है कि जब वार्ड सभा का आयोजन नहीं होता है और वार्ड पंच की कोई भूमिका दिखाई नहीं दे रही है तो वार्ड पंच के चुनाव क्यों करवाए जाते हैं. क्यों इतना खर्च और कागज़ की खराबी, क्यों चुनाव में समय की बर्बादी ? क्यों चार सौ मतदाताओं के मत का अपमान ?
आप जिले में पंचायत राज व्यवस्था को नियम से चलाने के लिए सबसे जिम्मेदार अधिकारी हैं. हम आपसे विशेष अनुरोध करते हैं कि इस जिले के सभी गाँवों में वार्ड सभाओं के नियमित और नियम से आयोजना का स्पष्ट आदेश दें और इसकी मोनिटरिंग करें.
हम इस बारे में लम्बे समय से राजस्थान सरकार से पत्र व्यवहार कर रहे हैं, मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक जनजागरण कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इसे मजाक समझ लिया है. अब हम माननीय न्यायालय की शरण में जायेंगे और जिले में धरने प्रदर्शन भी करेंगे. लेकिन उसके पहले Exhausting the Existing Proper Channels यानी मौजूद प्रशासनिक व्यवस्था का पूरा उपयोग करने के तहत आपको ससम्मान, प्रेम से यह अनुरोध कर रहे हैं कि आप अपना कर्तव्य निभाएं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम आपको सबसे अधिक जिम्मेदार पक्ष बनाकर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होंगे.
उम्मीद है कि आप निराश नहीं करेंगे और नए पंचायत राज अधिनियम को लागू करने, महात्मा गाँधी और भारत की संसद का मान रखने में ग्रामीण जनता की मदद करेंगे.
हमें उचित कार्रवाई के बारे में अवगत करवाने का कष्ट करें.
शुभकामनाओं सहित,
वार्ड सभा के नियम और काम, जो तीस वर्षों से दिखाई नहीं देते (पांच ख़ास बातें)
१. इसे नियम से और नियमित रूप से आयोजित करने की जिम्मेदारी ग्राम विकास अधिकारी की होगी. ग्राम सभा के आयोजन से पहले वार्ड सभा का आयोजन होगा यानी एक वर्ष में चार बार.
२. वार्ड सभा में वार्ड के सभी मतदाता भाग लेंगे. उनमें से दस प्रतिशत का उपस्थित रहना जरूरी होगा. इस सभा की अध्यक्षता वार्ड पंच करेंगे. इम्सने सभी विभागों के स्थानीय कर्मचारी मौजूद रहेंगे…जैस पटवारी, नर्सिंग अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, बिजली-पानी कर्मचारी, स्कूल अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक, पशुधन सहायक आदि. ग्राम विकास अधिकारी प्रस्ताव और अन्य बातें नोट करेंगे.
३. वार्ड सभा अपने वार्ड में क्या क्या विकास कार्य प्राथमिकता से करवाए जाएँ, इसके प्रस्ताव लेगी. खेती, पशुपालन, कुटीर उद्योग, सड़क, पानी, बिजली, खेल, मनोरंजन, चारागाह, सामुदायिक भवन आदि के बारे में अपनी प्राथमिकता यह वार्ड सभा तय करेगी. ये प्रस्ताव ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के सामने रखे जायेंगे. इनकी अनदेखी नहीं की जा सकेगी, अगर ये नियमों में हैं. अगर किसी प्रस्ताव को नहीं मान जायेगा तो उसका स्पष्ट कारण लिखा जायेगा.
४. वार्ड में हुए विकास कार्यों की समीक्षा यह वार्ड सभा करेगी. उनकी क्वालिटी के बारे में अपनी महत्वपूर्ण राय देगी, क्योंकि इनका उपयोग वार्ड के लोगों और अगली पीढ़ी को करना है.
५. वार्ड में किन नागरिकों को पेंशन, राशन, मकान, जल संरक्षण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए, इसके बारे में वार्ड सभा प्रस्ताव लेगी. वह राजस्थान के आखिरी पायदान पर मौजूद नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करेगी.
वार्ड सभा का आयोजन जब नियम से और नियमित होगा, तभी राजस्थान में असली लोकतंत्र आएगा और असली विकास होगा. जनता के टैक्स के एक एक पैसे का सदुपयोग जनहित में होगा और हर वार्ड की शक्ल ही दो तीन साल में बदल जायेगी. पढ़े लिखे लोग और वार्ड पंच हमारा साथ दें.
अभिनव राजस्थान पार्टी …………..राजस्थान की अपनी पार्टी………..जो जनता का सीधा राज चाहती है.