राजस्थान के ऐसे व्यक्ति के, जो कभी पार्षद- सरपंच भी नहीं बन पाया ! जो न ओछी बात कहता, न समाज को बाँटता और न चमत्कार दिखाता । सादगी से सीधा सादा रास्ता जिसने पकड़ रखा है ।
कुछ तो ख़ास है इसकी बातों में !
इसमें नहीं, इसकी बातों में ।
सच में यह सब देखकर खुद पर नहीं आप पर गर्व होता है , कितना चाहते हो, कितना मान सम्मान देते हो । अभिनव राजस्थान बनाने की कितनी चाह है आपके भीतर ।
अब इन हज़ारों साथियों को अगले चार महीने में facebook से बाहर निकालकर खुले मैदान में इकट्ठा कर दूँगा जयपुर में ।
अभी से पहले कभी किसी को मेरे साथ आने के लिए फ़ोन भी नहीं किया था । अक्सर सोचा कि भीड़ किसको दिखानी है , क्यों समय ख़राब करें ताक़त दिखाने में । फ़ेसबुक का संदेश पढ़कर कभी सौ कभी पाँच सौ तो कभी एक दो हज़ार इकट्ठे हो गए । लेकिन अब पहली बार पूरे अधिकार से, प्यार से, सम्मान से एक दिन मेरे साथ खड़े होने को बोलूँगा । क्यों ? क्योंकि यह राजस्थान के भविष्य का सवाल है । कब तक राजस्थान को राजनीति के भरोसे पिछड़ने देना है ? एक बार राजस्थान की जनता को पर्याप्त संख्या का भरोसा दिलवाना है ।
बहुत हो गया झूठ और झाँसा , बहुत हो गई लूट और तमाशा । अब एक ही भाषा , एक ही आशा – अभिनव राजस्थान ।
और उस दिन से, जब हम हज़ारों साथी एक जगह इकट्ठा होंगे, राजस्थान के समाज और सरकार की सोच और दिशा बदलना शुरू हो जाएगी । आज से ही वह एक दिन मेरे और अभिनव राजस्थान के नाम लिख देना । ज़िंदगी में कई जगहों पर गए होंगे आप, लेकिन उस दिन वापिस घर जाओगे तो संतुष्टि का भाव लेकर जाओगे ।
वंदे मातरम्, इंक़लाब ज़िंदाबाद और जय हिंद अब होगा, राजस्थान में, हिंदुस्तान में ।