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Friday, June 13, 2025

नागौर जिले के एक विद्वान लोकनेता से मुलाकात,

डॉ. सहदेव जी चौधरी, जो जिले के स्वास्थ्य विभाग के लम्बे समय तक मुखिया रहे तो बाद के लोकजीवन में जिला परिषद् को भी संभालते रहे हैं.

हालांकि बचपन से ही डॉ साहब को जानता हूँ पर जब मैंने सामाजिक सुधार का अभियान शुरू किया था, तब आपसे ज्यादा निकटता से मिलना होने लगा.

डॉ. साहब से जब भी आप मिलोगे तो वही सादगी, सरलता, मधुर स्वभाव और जब भी आप किसी कार्यक्रम में उनको बुलाओगे तो सहर्ष हाजिर. आपको कभी नहीं लगेगा कि आप जिनसे मिल रहे हैं, वे कई बड़ी फर्मों के मालिक हैं और फर्स्ट इंडिया न्यूज चेनल भी आपका है.

डॉ. सहदेव जी को जब भी जनहित में, समाज हित में, किसान हित में बुलाया गया, वे हाजिर मिले. मैंने कभी उनको किसी भी मंच से अनुपस्थित नहीं देखा. और फिर उस मंच से एकमद खरी बात कहना डॉ साहब का स्वभाव रहा है.

मुझे याद है, कुछ वर्षों पहले जब मूंडवा कस्बे में अंबुजा सीमेंट द्वारा स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं देने के मामले में लोग इकट्ठे हुए थे तो जिले के सभी नेताओं ने हाथ झटक दिए थे. कौन कम्पनी के सामने आये. पुलिस भी ऐसी सभा की अनुमति नहीं दे रही थी. तब डॉ साहब और मैं, दोनों डाक्टर उधर पहुंचे थे.

आज नागौर की जिला परिषद् की बैठक में अगर डॉ साहब नहीं जाएँ तो बैठक की गरिमा ही तार तार हो जाये, यह मैं जानता हूँ. डॉ साहब कई बार जिला परिषद् के लिए चुने गए हैं. जिला प्रमुख भी रहे हैं. पर राजनीति में वांछित चालाकी और कपट नहीं होने के कारण आप नागौर जिले का प्रतिनिधित्व जयपुर या दिल्ली में नहीं कर पाए हैं. ऐसे विद्वान नेता को मौका नहीं मिलना जिले का दुर्भाग्य ही है.

(ऐसा ही मुझे रिद्धकरण जी लोमरोड़, रामकरण जी डूकिया और रामकरण जी कमेडिया (डांगावास) के लिए लगता है.)

वर्ष 1962-63 में आपका मेडिकल कॉलेज जयपुर में एडमिशन हुआ था. डिग्री मिलते ही जिले की सेवा में आ गए. लेकिन मरीजों से रूपये लेने का शौक पैदा नहीं हो पाया तो स्वास्थ्य सेवा के प्रशासन में लग गए. बहुत ठाठ से तीस वर्षों तक जिले की चिकित्सा व्यवस्था को संभाला. 1994 में स्वेच्छा से सरकारी सेवा से अलग हो गए और चुनावी मैदान के साथ साथ अपने निजी व्यवसाय पर ध्यान लगा लिया.

कल डॉ साहब से काफी दिनों बाद लंबी मुलाक़ात हुई. बहुत सी बातें हर दौर की हुईं. डॉ. साहब ने राजस्थान के लगभग सभी बड़े नेताओं के साथ काम किया है, उनसे नजदीकी परिचय रहा है. ऐसे विद्वानों से मिलते हैं, तो बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

शुभकामनाएँ बोस……..आप स्वस्थ रहें, ऐसे ही मुस्कुराते रहें और हमें आशीर्वाद देते रहें.

अभिनव अशोक,

अभिनव राजस्थान पार्टी

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