पाली : रानी निकटवर्ती गाँव बड़गाँवडा में नवनिर्मित श्री आईमाताजी मन्दिर (वडेर) की चार दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव बड़े ही श्रद्धा व भक्तिभाव वातावरण में 2 जून शुक्रवार को बड़े ही धूमधाम व धार्मिक हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। चार दिवसीय महोत्सव के इस कार्यक्रम में नित्य दिन गाँव मे मेला जैसा माहौल रहा ओर दिन भर अलग अलग धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न होते गए। श्री आईमाताजी मन्दिर व पूरे गाँव के देवी देवताओं के मंदिरों को रोशनी के प्रकाश से दुल्हन की तरह सजाए गए।
चार दिवसीय महोत्सव में प्रतिदिन रात्रि में जागरण का भी आयोजन रखा हुआ था। भजन गायक शंकर टोक, दुर्गा जसराज व श्याम पालीवाल ने अपने भजनों की शानदार प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भजन कलाकारों द्वारा श्री आईमाताजी सहित सभी देवी देवताओं के सत्संगी मनोहारी भजन मधुर वाणीयो में प्रस्तुति दी। बालक, बालिकाओं के साथ बड़े बुजुर्ग व महिलाओं ने हर शाम श्री आईमाताजी के नाम भजन संध्या में भक्ति के साथ साथ भजनों का भरपूर आनन्द लिया। जिसमे बोलीदाताओं ने श्रद्धा व आस्था का भाव संजोकर बढ़ चढ़कर भाग लिया।
दीवान साहब के आगमन पर गाजे – बाजे संग लाभार्थी परिवार द्वारा वैल बधावणा एवं दीवान साहब को टिकने के चढ़ावे के लाभार्थी परिवार द्वारा विधिवत पूजा – अर्चना की प्रक्रिया पूर्ण कर बधावणा के साथ साथ स्वागत में भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। शोभायात्रा में एक जैसी वेषभूषा में बालिकाएं, महिलाएं व युवागण ढोल व बैंडबाजों की धुन पर थिरके। गाँव के मुख्य मार्गो से होते हुए ढोल बाजो के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें बालिकाओं व महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया साथ मे कलशयात्रा में समाज की महिलाएं मंगल गीत गाते हुए चल रही थी और आईमाताजी के जयकारों से सम्पूर्ण बड़गाँवडा गाँव गुज उठा। महोत्सव के तहत आयोजित यज्ञ में मुख्य यजमानों सहित श्रद्धालुओं ने यज्ञ में सपत्नीक पूर्णाहुति देव धर्मलम अर्जित किया।
दीवान साहब के रात्रि मंच आगमन पर दीपक व पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत किया गया। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन 02 जून को प्रातः कालीन वेला में धर्मगुरु दीवान माधवसिंह के कर कलमों द्वारा शुभ मुर्हत में बोलियों के लाभार्थियों द्वारा गाजो – बाजो व जयकारों के साथ मन्दिर में श्री आईमाताजी सहित विभिन्न देवी देवताओं की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, पाट स्थापना, अखण्ड ज्योत स्थापना के साथ मन्दिर पर स्वर्ण कलश व अमर ध्वजा की स्थापना की गई। इस मौके पर आईमाताजी के जयकारों से वातावरण धर्ममयी बन गया। नवनिर्मित श्री आईमाताजी मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा आईपन्थ के धर्मगुरु दीवान माधवसिंहजी के सानिध्य में हर्षोल्लास से मनाई गई। यहां धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए धर्मगुरुजी ने कहा कि श्री आईमाताजी से प्रार्थना करे कि बुद्धि, विचार, आचरण सही रखना। सबका भला हो। आईपन्थ में अविश्वास नाम की कोई चीज नही है। जैसा करोगे वैसा ही फल मिलेगा।
धर्म के प्रति आस्था सदैव बनी रहे। कभी भी किसी का बुरा मत सोचो। श्री आईमाताजी के वर्तमान में दिए चमत्कारों के बारे में भी विस्तरित जानकारी दी गई। विभिन्न वडेरो से पधारे हुये पदाधिकारीयो, जमादारी, कोटवालो का स्वागत सत्कार किया गया। इस महोत्सव में समाज के अनेक गणमान्य बन्धुओ ने भाग लिया। बड़ी संख्या में समाज के प्रवासी बन्धुओ सहित आसपास के गांवों के समाज बन्धुओ ने भी इस भव्य आयोजन में अपनी शिरकत की। मंच संचालन घीसाराम सीरवी विजोवा व प्रेम सीरवी नवागुड़ा वालो ने किया। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को भव्य रूप देने को लेकर कोटवाल नेनाराम परिहार व जमादारी चेलाराम गेहलोत ने सम्पूर्ण समाज बन्धुओ का बहुत बहुत आभार व्यक्त किया। यह जानकारी सीरवी विकास मण्डल विरार संस्था के मीडिया प्रभारी नगाराम एस. गेहलोत बड़गाँवडा द्वारा दी गई।