बेंगलुरु: सनातन धर्म के मूल संस्कार तथा विचारधारा को पतिपादित कर, वसुधैव कुटुम्बकम्- के मूलमंत्र का अनुसरण करते हुए संत श्री आशारामजी आश्रम ट्रस्ट, बेंगलुरु की ओर से शुक्रवार को अमावस्या के निमित्त किदवई हॉस्पिटल में कैंसर मरीजों के लिए भोजन-प्रसाद वितरण के कार्यक्रम का विशेष आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत करीब 200+ असहाय मरीजों को ट्रस्ट की तरफ से निःशुल्क भोजन कराया गया। किडवई हॉस्पिटल के डायरेक्टर- डॉ. वी. लोकेश ने अपने हाथों से भोजन परोसते हुए, संत श्री आशारामजी आश्रम ट्रस्ट, बेंगलुरु के युवाओं की इस पहल की सराहना की व ट्रस्ट को लिखित में आभार पत्र भी दिया।
ऋषियों ने विश्व कल्याण की कामना से ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का उद्घोष किया था, वह आज का वैश्विक चिंतन ही था। जो न केवल सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से वरन आर्थिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी समस्त भूमंडल के लिए लोक मंगलकारी था। स्वार्थमय चिंतन होने से समाज में कुटुंब की परिभाषाएं बदलती गईं। फलस्वरूप घर से लेकर बाहर तक संपूर्ण वैश्विक परिदृश्य में अशांति का अनुभव किया जा रहा है। सामाजिक एवं वैश्विक शांति के लिए संकीर्णतावादी सोच को छोड़कर परिवार को पुन: परिभाषित करने की आवश्यकता है। वसुधैव कुटुंबकम् के पवित्र भाव को आत्मसात करने से ही विश्वबंधुत्व का भाव प्रबल होगा। सर्वत्र सुख-शांति स्थापित होगी तथा स्वस्थ वैश्विक पर्यावरण को भी मजबूत आधार मिलेगा।