(धन्यवाद राजस्थान के इन गाँवों को, समाजों को, जिन्होंने कल होली पर सामाजिक सुधार के ये निर्णय करके शानदार काम किया. हर निर्णय से बहुत बड़ी बचत और मानसिक तसल्ली होगी.)
1. आकेली ए, मेड़ता, नागौर (मेरा गाँव) – गाँव के सभी जातीय वर्गों ने पांच पकवान टाइप मृत्युभोज को बंद करके मेहमानों के लिए सादे भोजन की व्यवस्था के साथ मेहमानों की संख्या कम कर दी. ब्याव में या अन्य कार्यक्रमों में DJ का इस्तेमाल रोक दिया. (एक साल में एक करोड़ रूपये की गाँव को बचत होगी.)
2. कंवलाद, परबतसर, नागौर – जाट समाज ने मृत्युभोज को बंद कर दिया. (गाँव को एक करोड़ की बचत सालान)
3. भेड़, ढींगसरा, पांचला सिद्धा, चाखू (खींवसर, नागौर) – बिश्नोई समाज ने शादी में फालतू कपड़ों की जगह पैसे देने, अमल-डोडा बंद करने, DJ बंद करने, मृत्युभोज के स्थान पर मेहमानों के लिए सादा भोजन के निर्णय लिए. (करोड़ों की बचत)
4. दुधु, धोरीमन्ना, बाड़मेर – नशे पर पूर्ण प्रतिबन्ध (सालाना एक करोड़ की बचत)
5. सकरघटा (करौली) – गुर्जर समाज के कई गाँवों के लोगों ने सगाई छोड़ने वालों से दूरी बनाने का फैसला किया. साथ ही शादी में कई फिजूल खर्चों पर रोक लगाई, गाँव जीमने को बंद किया. मृत्युभोज यहाँ पहले से बंद है. (करोड़ों की बचत)
ऐसे निर्णय कल राजस्थान के हर अंचल में हुए हैं. मुझे लगता है कि एक तरफ हम समाज के फिजूल खर्चों को कम करके और दूसरी तरफ फसल बीमा योजना की समझ बढ़ाकर हर गाँव को प्रारम्भिक सुरक्षा दे सकते हैं.
मेरा साथ दो दोस्तों खुलकर …मुझे राजस्थान के सभी परिवारों की आमदनी और सुविधाओं में बढ़ोतरी करनी है…एक ही लक्ष्य है ….और ऐसा लक्ष्य किसी और का हो तो उसे समर्थन कर देना. मेरा दिमाग मेरा प्लान…आपका दिल आपको वोट ….करो पिछड़ेपन पर अंतिम चोट.
अभिनव अशोक,
अभिनव राजस्थान पार्टी